सराय
“पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।” ऊपर के वाक्य को पढ़ों और बताओ कि
क) सराय और घर में क्या अंतर होता है? आपस में इस पर चर्चा करो।
ख) पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है?
क) घर उसे कहते हैं जिसमें एक परिवार रहता है। वहीं सराय में बहुत से बाहरी लोग आकर बसते हैं। वो सराय में आ जा सकते हैं। सराय में रहने वाले लोग एक दूसरे को जानते नहीं हैं। सराय को धर्मशाला भी कहा जाता है।
ख. पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है। हम तो यहां मेहमान हैं। घर के आंगन में आम का पेड़ है। उस पर तरह तरह के पक्षी डेरा डाले हुए हैं। घर के अंदर बीसियों चूहे बसते हैं। रात भर बर्तन गिरते रहते हैं। एक चूहा अंगीठी के पीछे बैठना पसंद करता है। शायद वो बूढ़ा है और उसे सर्दी ज्यादा लगती है। बिल्ली घर में रहती तो नहीं लेकिन उसे भी हमारा घर पसंद है। मन आया तो अंदर आकर दूध पी गई और ना मन आया तो बाहर से ही कह गई कि फिर आउंगी। शाम होते ही दो तीन चमगादड़ कमरों के आर पार पंख फैलाए कसरत करने लगते हैं। घर में छिपकलियां और बर्रे भी हैं। चीटियों ने तो छावनी ही बना रखा है।